टीबी एक संक्रामक और घातक बीमारी है।टीबी होने पर खाने और पिने पर विशेष ध्यान देने की जरुरत होती है। प्रदूषित पानी ( polluted water ) व प्रदूषित भोजन ( polluted food ) खाने से टीबी कभी भी सही नहीं हो सकती है।भारत सरकार द्वारा टीबी की जांच से लेकर उपचार तक फ्री किया जाता है।सामान्यतः टीबी का कोर्स 6 महीने का होता है लेकिन एमडीआर टीबी ( Drug Resistance TB ) का ईलाज 9 से 24 महीने का हो सकता है। भारत में Tribal Area में रहने वाले सभी सरकारी और प्राइवेट टीबी मरीजों को पोषण के लिए न्यूट्रिशन सपोर्ट और 500 रूपये महीने दिया जा रहा है।ताकि टीबी के मरीजों को जल्दी टीबी मुक्त किया जा सके। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 2025 तक खत्म करने का निर्णय लिया है।
खान-पान पर टीबी का प्रभाव
टीबी होने पर नियमित दवाई के साथ-साथ अपने खाने और पिने पर विशेष ध्यान देने की जरुरत होती है टीबी मरीजों को संतुलित भोजन और साफ पानी पीना चाहिए।पानी हो सके तो उबाल कर ठंडा कर पीना चाहिए जिससे पानी में किसी प्रकार के कीटाणु न रहे। ऐसे मरीजों को खांसने और छीकते समय अपने मुँह पर कपड़ा या रुमाल रखना चाहिए।क्योकि टीबी का संक्रमण खांसने और छींकने से उत्पन्न ड्रॉप ( Droplet infection ) के कारण होता है।टीबी का सही समय पर जांच और उपचार करवाने से टीबी पूरी तरह से ठीक हो जाती है।देश के विकास में ट्यूबरक्लोसिस जैसी बीमारी बहुत बड़ी बांधा ( Tuberculosis obstruction ) है
टीबी कभी भी हाथ मिलाने और साथ में खाना खाने से नहीं फैलती है।इसलिए टीबी के मरीजों से कभी भी भेदभाव नहीं करे क्योकि टीबी किसी को भी हो सकती है और इसका ईलाज संभव है।
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