सिकल सेल एनीमिया ( Sickle cell anemia ) एक आनुवंशिक ( Genetic disease ) बीमारी है अगर माता-पिता इस बीमारी से पीड़ित है उनके बच्चों में भी इस रोग के जीन ट्रांसमिट होने के खतरा बढ़ जाता है वैसे तो यह बीमारी पुरेवर्ल्ड में है लेकिन अफ्रीका और एशियन देशों में इसका प्रकोप ज्यादा है। भारत में महाराष्ट्र,मध्यप्रदेश,झारखण्ड और छत्तीसगढ़ इस बीमारी से काफी प्रभावित है। भारत में हर साल 9000-11000 बच्चे इस बीमारी के साथ जन्म लेते है। इस बीमारी का अभी तक कुछ खास रिसर्च नहीं हुआ है। जो की एक गंभीर समस्या है। इसे SCA और SCD भी कहते है।
Symptoms of aickle-cell anemia
सिकल-सेल एनीमिया रोग जन्म के कुछ महीने बाद ही दिखाई देने लगते है जैसे -
- शरीर का विकास अच्छे से नहीं होता है।
- बार-बार पीलिया ( jaundice ) हो जाना और लीवर में सूजन आ जाता है।
- बार-बार खून की कमी हो जाती है।
- हाथ-पैर और जोड़ों में दर्द होता है आदि लक्षण दिखाई देने लगते है।
Type of sickle cell anemia
(1 ) सिकल-सेल (carrier)कैरियर
ये वह व्यक्ति होता है जिसके शरीर में सिकल-सेल के जीन तो होता है लेकिन उनको तकलीफ नहीं देते है ये केवल एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में वाहक का काम करते है।(2) सिकल-सेल पीड़ित
ये वह व्यक्ति होता है जो इस रोग से पीड़ित होता है इन्हे ऊपर दिए गए सारे लक्षण दिखाई देते है इसकी जांच ब्लड से की जाती है जैसे हीमोग्लोबिन टेस्ट , CBC टेस्ट ,ब्लड स्मीयर ,हीमोग्लोबिन इलेक्ट्रोफोरेसिस ,HBB जीन म्युटेशन। और यदि माँ के पेट में पल रहे बच्चे का टेस्ट करना हो तो एमनियोटिक फ्लूइड टेस्ट किया जाता है। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति की Red blood cell हंसियाकार या चन्द्रमा के आकार की होती है जो ब्लड की धमनियों में रुक-रुक कर चलती है जिससे ऑक्सीजन की सप्लाई रुक जाती है। शरीर के जिस भाग में सिकल-सेल रूकती है उसी जगह इनके लक्षण दिखाई देने लगते है। जबकि नार्मल व्यक्ति की Red blood cells अंडाकार होती है जो आसानी से नशों में ट्रांसमिट होकर ऑक्सीजन ले जाती है।
सिकल-सेल से पीड़ित व्यक्ति का उपचार
सिकल-सेल से पीड़ित लोगो को अधिक तनाव से बचना चाहिए अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए और हमेशा खुली जगह में रहना चाहिए और साथ में हमेशा फोलिक एसिड की गोली खाना चाहिए। समय -समय पर जरुरत पड़े तो blood transfusion कराना चाहिए। इसे जड़ से खत्म करने के लिए Bon maro transplant किया जाता है जो की काफी महॅगा होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके बेहतर उपचार के लिए जापान के क्योटो में इस बीमारी पर चर्चा की है।
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