रेबीज वायरस ( Rabies Virus ) यह एक जानलेवा वायरस है क्योकि इसके लक्षण बहुत दिनों बाद दिखाई देते है। जो आमतौर पर जानवरों जैसे - कुत्ते ,बिल्ली ,बंदरों और चूहों के काटने से फैलता है। हर साल 28 सितम्बर को वर्ल्ड रेबीज दिवस ( World Rabies Day ) मनाया जाता है। वर्ष 2019 की थीम Rabies: समाप्त करने के लिए टीकाकरण ( "Rabies: Vaccinate to Eliminate" ) रेबीज के बारे मे सभी को जानकारी होना जरूरी है। मुख्यतः रेबीज लार से फैलता है लेकिन संक्रमित जानवर के चाटने से भी फैल सकता है वायरस व्यक्ति के नर्वस सिस्टम ,मस्तिष्क और मांसपेशियों मे फैल जाता है। मस्तिष्क मे जाने से दिमाक मे सूजन आ जाता है जिससे व्यक्ति के व्यवहार मे परिवर्तन आ जाता है। व्यक्ति कोमा मे भी जा सकते है और पैरालिसिस भी हो सकता है रेबीज हो जाने के बाद व्यक्ति को पानी से डर लगता है जिसे Hydrophobia कहते है।
रेबीज के लक्षण(Symptoms of rabies)
रेबीज के लक्षण काफी दिनों बाद दिखाई देते है जैसे चार दिन ,चार हफ्ते या डेढ़ साल मे भी रेबीज के लक्षण दिखाई दे सकते है। तब तक काफी देर हो चुकी होती है। रेबीज संक्रमित जानवर अगर सिर के पास या गर्दन के आसपास काट ले तो इनके लक्षण तेजी से उभरने लगते है।भारत मे हर साल कई लोगो की जान रेबीज के कारण हो जाती है। फिर भी इसके कुछ लक्षण जैसे : -
- 01. बुखार ,सिर दर्द ,घबराहट और बेचैनी हो सकती है।
- 02. खाने -पिने मे कठिनाई,लार टपकना ,ब्रहम पैदा होना।
- 03. पानी से डर लगने लगता है।
- 04. पागलपन ,अनिद्रा और लकवा मार जाना आदि।
- 05. रेबीज से ग्रसित व्यक्ति को भूख नहीं लगती है जी मिचलाता है।
रेबीज से बचाव (Rabies prevention)
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रेबीज से बचने के लिए जंगली जानवरो और पागल कुत्तो से दुरी बनाए रखना चाहिए। अगर किसी संक्रमित जानवर ने काट लिया हो तो काटे गए स्थान को अच्छी तरह से स्प्रिट या साबुन से धोना चाहिए हो सके तो बहते हुए पानी मे धोए जिससे Lyssavirus की glycoprotien की परत धूल जाती है।कभी भी घाव पर पट्टी न बांदे उसे खुला रखे क्योकि रेबीज वायरस हवा मे निष्क्रिय रहते है। किसी रेबीज संक्रमित जानवर के काटने के तुरंत बाद डॉक्टर से Tetunus vaccine और एंटी रेबीज (Anti Rabies) के पुरे टीके 48 से 72 घंटे के अंदर लगवाना ही चाहिए।रेबीज टीके की खोज सर्वप्रथम लुइस पाश्चर (Louis Pasteur) 1884 मे की थी। पाश्चर ने इस टीके का प्रयोग एक जोसेस नामक लड़के पर टेस्ट किया तब उन्होंने 14 इंजेक्शन लगाये। अभी रेबीज के टीके 0 ,3 ,7 ,14 और 28 दिनों मे लगाया जाता है।
रेबीज से बचने के लिए जंगली जानवरो और पागल कुत्तो से दुरी बनाए रखना चाहिए। अगर किसी संक्रमित जानवर ने काट लिया हो तो काटे गए स्थान को अच्छी तरह से स्प्रिट या साबुन से धोना चाहिए हो सके तो बहते हुए पानी मे धोए जिससे Lyssavirus की glycoprotien की परत धूल जाती है।कभी भी घाव पर पट्टी न बांदे उसे खुला रखे क्योकि रेबीज वायरस हवा मे निष्क्रिय रहते है। किसी रेबीज संक्रमित जानवर के काटने के तुरंत बाद डॉक्टर से Tetunus vaccine और एंटी रेबीज (Anti Rabies) के पुरे टीके 48 से 72 घंटे के अंदर लगवाना ही चाहिए।रेबीज टीके की खोज सर्वप्रथम लुइस पाश्चर (Louis Pasteur) 1884 मे की थी। पाश्चर ने इस टीके का प्रयोग एक जोसेस नामक लड़के पर टेस्ट किया तब उन्होंने 14 इंजेक्शन लगाये। अभी रेबीज के टीके 0 ,3 ,7 ,14 और 28 दिनों मे लगाया जाता है।
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