परिवार नियोजन का अर्थ है कि
परिवार छोटा रहे और बच्चों के बीच पर्याप्त अंतर रहे। परिवार नियोजन (Family Planning) लोग
अपनी इच्छा अनुसार करते है लेकिन जनसँख्या नियत्रण एक केंद्रीय मुद्दा जो योजनाकार के आधार पर होता है। जनसँख्या नियत्रण
कई दशकों से एक केंद्रीय
मुद्दा है और जनसँख्या नियत्रण की प्रक्रिया भी काफी पुरानी है। आधुनिक विज्ञान ने जन्म नियत्रण के कई सारी तकनीक दी
है। भारत पहला देश था जब
1650 मे
परिवार नियोजन कार्यक्रम शुरू किया गया था।आपातकाल के बाद वर्ष 1976 मे परिवार नियोजन का नाम बदलकर परिवार कल्याण (family Welfare) कर दिया गया था।जनसँख्या वृद्धि का प्रमुख कारण अधिक
गरीबी,अशिक्षा
और जागरूपता
की कमी है
जनसँख्या वृद्धि की समस्या विकसित देशों की अपेक्षा विकासशील देशो मे अधिक होती है। जनसँख्या वृद्धि को
रोकने के लिए पहले गरीबी
दूर करना होगा और समाज में जागरूपता लाना होगा तभी जनसंख्या वृद्धि दर कम हो सकती है।
परिवार नियोजन के उपाय
जनसँख्या नियंत्रण का कार्यक्रम वैसे तो कई दशकों से चल रहा
है लेकिन लेकिन आधुनिक युग
मे कई सारे साधन परिवार नियोजन के लिए उपयोग किए जाते है जैसे -
1· गर्भ
निरोधक गोलियों का उपयोग।
2· कंडोम
का उपयोग।
3· आई
यू डी ( IUD
) 10 साल
तक डॉक्टर की निगरानी मे लगाई जाती है।
4· माहवारी
के बाद 11 से
18 वे
दिनों के बिच संबंध न बनाना।
5· डी
एम पी ए (DMPA) इंजेक्शन हर तीसरे महीने लगाते है।
6· स्थाय
नियोजन जैसे - महिला नसबंदी (
Tubectomi या
Tubal Ligation या
Female Sterilization.
7· पुरुषनसबंदी (vasectomy) NSV ( No Scalpel vasectomy)
उपरोक्त सभी गर्भ निरोधक साधनो मे कॉपर-टी (Copper-T)ज्यादा प्रचलित है क्योकि यह 5 से 10
साल तक लगा सकते है इसके कोई भी साइट इफेक्ट नहीं होते है बच्चा पैदा होने के बाद महिलाएं इसे
लगा सकती है और जब चाहे तब
इसे निकाल सकते है। परिवार नियोजन मे पति और पत्नी दोनों बराबर जिम्मेदार ऐसे में अगर पुरुष नसबंदी की जाए तो ये
आसान होता है पुरुष नसबंदी
10 मिनट
मे बिना टांके से किया जा सकता है और दूसरे दिन काम कर सकते है जबकि महिलाओं की नसबंदी करते समय उन्हें बेहोस कर
दिया जाता है और उनके उदर
मे चीरा लगाकर फेलोपियन ट्यूब (
Fallopian tube ) को काट कर
ब्लॉक कर दिया जाता है जो काफी जोखिम ( Risk )भरा होता है। पुरुष नसबंदी बहुत कम लोग करवाते है क्योकि वे सोचते है कि इससे
वो कमजोर हो जायेगे शारीरिक
संबंध नही बना पाएंगे हद तो तब हो जाती है जब महिला ही पति को NSV करवाने से मना कर देती है।जबकि सच्चाई ये है कि NSV के बाद भी पुरुष पहले जैसा ही शारीरिक सुख का आनंद बिना किसी परेशानी के
ले सकते है। पुरुष नसबंदी मे मध्यप्रदेश के NHM (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ) के संचालक को उनके बहु -उद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओ
से कम से कम एक पुरुष नसबंदी समय सीमा मे न करवाने पर Retired करने के मामले मे हटा दिया गया। मध्यप्रदेश में 6000 बहु -उद्देश्यीय कार्यकर्ता
है इनका मुख्य काम परिवार कल्याण कार्यक्रमों को संचालित करना
है जबकि वित्त वर्ष 2019 -2020 मे पुरुष नसबंदी महिलाओं के मुकाबले 1 % से भी कम है।बढ़ती आबादी को देखते हुए जनसँख्या नियंत्रण करना बहुत जरुरी
है। इसके
लिए सरकार को कड़े कदम उठाने पड़ेगे लोगो को
गरीबी से मुक्त ,शिक्षित
और परिवार नियोजन का महत्व व्यक्तिगत समझना पड़ेगा। उन्हें जगरूप करना पड़ेगा।
माल्थस सिद्धांत -" जिस अनुपात मे जनसँख्या बढ़ती है उस अनुपात मे संसाधन नहीं बढ़ते है"
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जनसँख्या नियंत्रण के उपाय
छोटा परिवार सुखी
परिवार का प्रचार -प्रसार करना चाहिए नसबंदी के लिए ज्यादा से ज्यादा डॉक्टर तैयार किया जाए।
लोगों को बताए की गर्भ मे 2 साल अंतर जरूर रखे जिससे मातृ मृत्यु दर मे 30 फीसदी व शिशु मृत्यु दर में 15 फीसदी की कमी लाई जा सके।
जनसँख्या नियंत्रण से सम्बंधित सुझाव अगर आपके मन मे आए तो हमे आप कमेंट बॉक्स ⬇️ मे जरूर बताए हम उसे और अधिक समझने और प्रसार करने के प्रयास करेंगे।
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