टीबी मरीज के लिए बीडाक्वीलिन ( bedaquiline ) ड्रग बहुत ही अच्छी साबित हो रही है फरवरी 2016 में दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री JP Nadda ने लांच की थी। बेडाक्वीलिन Janssen pharma कंपनी द्वारा बनाई जाती है अब तक की सभी एंटी टीबी ड्रग्स से ये बेहतर है ये ड्रग काफी महगी है और टीबी के मरीज को तभी दी जाती है जब अन्य ड्रग रेसिस्टेंट हो जाती है।
बेडाक्वीलिन कैसे काम करती है ?
bedaquiline (BDQ)WHO से approved drug है टीबी ड्रग में बेडाक्वीलिन एक एंटी substance है जिसे SIRTURO के नाम से भी जाना जाता है बेडाक्वीलिन ड्रग मरीज को तभी दी जाती है जब first line और second line की एंटी टीबी ड्रग्स जैसे Rifampicine और Isoniazed (एमडीआर ड्रग्स )से रेसिस्टेंट हो जाते है।
बेडाक्वीलिन mycobacterium ट्यूबरक्लोसिस बैक्टीरिया के अंदर एक एंजाइम होता है ATP(adenosine triphospate ) synthase ,यह एंजाइम बैक्टीरिया के लिए एनर्जी generate करता है और बेडाक्वीलिन इस एंजाइम की activity को रोक देते है जिससे बैक्टीरिया को एनर्जी नहीं मिल पाती और ये मर जाते है जिससे मरीज को दिनों दिन आराम मिलना शुरू हो जाता है।
बेडाक्वीलिन कैसे लेते है ?
बेडाक्वीलिन टेबलेट फॉर्म में आती है और इसे ऑरल असानी से निगल सकते है ये टैबलेट 24weeks (6 महीने ) तक ली जाती है मरीज को 15 दिनों तक एडमिट कर 4 टेबलेट 100mg की रोज दी जाती है वजन के अनुसार टैबलेट दी जाती है।
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जब मरीज को डिस्चार्ज कर दिया जाता है तो उन्हें एक सप्ताह में तीन दिन सोमवार ,बुधवार और शुक्रवार को दो-दो टैबलेट खिलाई जाती है।
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Note : -
पुरुष अगर बेडाक्वीलिन ले रहे हो तो उन्हें बच्चे का पिता नहीं बनना चाहिए क्योकि ये स्पर्म पर effect करते है। महिला को भी बेडाक्वीलिन लेते हुए प्रेग्नेंसी से बचना चाहिए और अगर प्रेग्नेंट हो गई हो तो तुरंत gynecologist को बताना चाहिए।
Side effect of Bedaquiline
बेडाक्वीलिन के कुछ साइड effect भी होते है जैसे : -
- headache (सर दर्द होना )
- dizziness (सिर चकराना )
- feeling sick (अस्वस्थ्य महसूस करना )
- being sick
- Joint pain and (जोड़ों में दर्द होना )
- palpitation (heart का ज्याद कम धड़कना )
- Nausea
- vomiting (उल्टी होना )
- Increase in liver enzyme (लीवर के एन्ज़इम्स की एक्टिविटी बड़ जाना )
इसके आलावा हृदय की समस्या और सुनने में परेशानी हो सकती है भारत में बेडाक्वीलिन फरवरी 2016 में पाँच शहर के बड़े अस्पतालों में लॉन्च की गई जैसे - दिल्ली ,मुंबई ,चेन्नई,अहमदाबाद ,गुवाहाटी। इन सभी शहरों में बेडाक्वीलिन का अच्छा असर देखने के बाद भारत के सभी जिला अस्पतालों में लांच की गई।
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