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कैसे अमिताभ बच्चन ने टीबी रोग पर विजय पायी? जाने How Amitabh Bachchan wins TB disease ? know.

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टीबी रोग किसी को भी हो सकता है स्वयं महानायक अमिताभ बच्चन भी इस बीमारी से अछूता नहीं रहा। इस बात का खुलासा उन्होंने एक टीवी चेनल के इंटरव्यू में किया है। उन्होंने कहा कि जब वे KBC के पहले सीजन (कौन बनेगा करोड़पति) की शूटिंग के दौरान वर्ष 2000 में भूख न लगना और कमजोरी जेसी शिकायत महसूस की तो उन्होंने डॉक्टर्स की सलाह से सारी जांचे करवाई तो पता चला की उन्हें रीढ़ की हड्डी की टीबी है जो की एक्स्ट्रा पल्मोनरी (extra pulmonary tuberculosis) टीबी है।

अमिताभ बच्चन ने टीबी रोग को कैसे हराया जाने 

मुंबई में एक कार्यक्रम TB free india ( टीबी मुक्त भारत )  में  सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने कहा कि '' सालो पहले में भी टीबी का मरीज था मेने पहले कभी पब्लिक प्लेटफॉर्म पर ये बात नहीं कही अगर ये बीमारी मुझे हो सकती है तो किसी को भी हो सकती है और नहीं भी। में कमजोर हो गया था भूख नहीं लग रही थी ब्लड टेस्ट से पता चला की मुझे रीढ़ की हड्डी की टीबी है मेरे पास साधन थे में अमेरिका जा कर भी टीबी का ईलाज करवा सकता था लेकिन मुंबई में ही अच्छा इलाज मिला साल भर तक मेरा ईलाज चला। ''
''टीबी की बीमारी बहुत कस्टदायक  होती है आप बैठ या लेट नहीं सकते में शो की शूटिंग के दौरान हर दिन 8 - 10 पैन किलर गोलिया लेता था। में शोभाग्यशाली हु की मुझे भारत में ही अच्छा ईलाज और हेल्दी फ़ूड मिला टीबी का रोगी भी आसानी से अपना काम कर सकता है बस सर्त सिर्फ इतनी है की दवा की पूरी खुराक नियमित और समय पर ली जाए।''
अमिताभ बच्चन ने आगे कहा की लोग टीबी होने पर घबरा जाते है वे फिल्मों में टीबी से मरते देखते है जबकि वे काल्पनिक मात्र होती है। अमिताभ बच्चन टीबी मुक्त भारत के Brand ambassdor भी है। उन्होंने कहा कि पोलियो के बाद अब भारत को टीबी मुक्त बनाएंगे,टीबी कोई लाइलाज बीमारी नहीं है समय पर इसकी सही जाँच और उपचार से टीबी रोग पर काबु पाया जा सकता है।

टीबी मरीजों से भेदभाव

आज भी हमारे समाज में टीबी के प्रति भेदभाव किया जाता है इसका सबसे ज्यादा प्रभाव विवाहित महिलाओं पर पड़ता है उन्हें उनके ससुराल वाले छोड़ देते है जिसके कारण कई महिलाएं अपना ईलाज मायके में आकर करवाती है नवयुवक  युवतियों के शादी के प्रस्ताव मिलने में दिक्कत आती है समाज में फैली इस कुप्रथा को समाप्त करने के लिए हमें एकजुट होकर लड़ना पड़ेगा तभी हम टीबी मुक्त भारत बनाने में सफल होंगे। 

👉  खुद अमिताभ बच्चन को सुनिए कब और कैसे उन्हें टीबी हुई और कैसे उन्होंने टीबी पर विजय          पाई।  

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