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विश्व धूम्रपान निषेध दिवस World No Smoking Day

world no smoking day
तंबाकू और धूम्रपान केबढ़ते दुष्प्रभाव को लेकर WHO के सदस्य देशो ने इसके लिए एक प्रस्ताव रखा था तभी से हर साल लोगो को तंबाकू और धूम्रपान के प्रति जागरूक करने के लिए 31 मई को विश्व धूम्रपान निषेध दिवस मनाया जाता है। इस बार ( वर्ष - 2020 ) तंबाकू निषेध दिवस की थीम " युवाओं को (तंबाकू) इंडस्ट्री के हथकंडों से बचाना और उन्हें तंबाकू व निकोटिन के इस्तेमाल से रोकना। " नशा भले ही शान और लत के लिया किया जाता है लेकिन यह जीवन में कभी अँधेरा ला सकता है। WHO के अनुसार 125 देशों में तंबाकू का उत्पादन होता है। विश्व में तंबाकू का उत्पादन 43 लाख हेक्टेयर जमीन पर होता है और हर साल 5.5 खरब सिगरेट का उत्पादन होता है व 1 अरब से ज्यादा लोग इसका सेवन करते है। एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया  80 प्रतिशत पुरुष और 20 प्रतिशत महिलाएं धूम्रपान करते है। दुनिया भर में धूम्रपान करने वालो में 12 % भारत में है। भारत में 25 हजार लोग गुटखा ,बीड़ी ,सिगरेट और हुक्का के जरिए तंबाकू का सेवन करते है। हर साल भारत में 10 लाख लोगो की मौत तंबाकू सेवन करने से होती है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2006 के अनुसार भारत में 44.4 % पुरुष किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते है और करीब 6.8 % महिलाएं तंबाकू का सेवन करती है। भारत में ही हर साल 10 अरब सिगरेट और 72 करोड़ 50 लाख किलो तंबाकू का उत्पादन होता है। तम्बाकू निर्यात के मामले में भारत ब्राजील ,चीन ,अमेरिका , मलावी और इटली के बाद 6 नंबर पर है।भारत में सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने पर पाबंदी है। इसके बावजूद भी लचर कानून व्यवस्था के कारण इस पर अमल नहीं हो पाता। भारत की आर्थिक मामलों की समिति ने पहले ही राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम को मंजूरी दे चुकी है। इनका मकसद तंबाकू नियंत्रण कानून को प्रभावी रूप से क्रियान्वयन और इसके हानिकारक प्रभावों के बारे में लोगो को बताना और जगरूप करना है। यह भी सत्य है की दुनिया में तम्बाकू निषेध अभियानों में जितना खर्च किया जाता है उससे कई गुना तम्बाकू उत्पादों पर टेक्स लगाकर कमाते है।

तंबाकू-धूम्रपान के हानिकारक प्रभाव :

धूम्रपान के धुएं में मौजूद निकोटिन ,कार्बनमोनोऑक्सइड जैसे पदार्थ से मुँह का कैंसर , फेफड़े के कैंसर , ब्रेन हेमरेज , गर्भाशय ,गुर्दे और पाचक ग्रंथिओं में कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है है। धूम्रपान का प्रभाव जितना सेवन करने वालो को पड़ता है उतना ही प्रभाव पास में रहने वाले लोगो को होता है।धूम्रपान न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है बल्कि इससे आर्थिक क्षति भी होती है। धूम्रपान करने वाला व्यक्ति बार-बार अपना हाथ होठों तक लेजाता है। और तंबाकू खाने वाला व्यक्ति बार-बार इधर-उधर थूकता रहता है।जिसके कारण कोरोना वायरस के फैलने का खतरा भी बढ़ जाता है।धूम्रपान का प्रभाव फेफड़ो पर पड़ता है जिससे टीबी होने का खतरा बढ़ जाता है और टीबी होने से इम्युनिटी भी कम हो जाती है जिससे कोरोना वायरस का खतरा ओर बढ़ जाता है। तम्बाकू और धूम्रपान का सेवन किस कदर घातक हो सकता है इसका अंदाजा WHO की एक रिपोर्ट से लगाया जा सकता है रिपोर्ट में कहा गया है की तम्बाकू सेवन करने से 20 वी सदी दुनिया में 10 करोड़ लोगो की मौत हुई है और यदि हलात नहीं बदलते है तो 21 वी सदी में यह अकड़ा 1 अरब हो सकता है।
नशा खराब करता है आपकी शान, ना डाले खतरे में अपनी जान। 

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