हाथ धोना मनुष्य की रोज की दिनचर्या होती है वैसे तो लोग शौच जाने के बाद ,खाना खाने के पहले और बाद में हाथ धोते ही है लेकिन सही तरीके से हाथ नहीं धोते है। जिसके कारण कई बैक्टीरिया हमारे हाथो में चिपके रह जाते है ये किटाणु इतने छोटे होते है की हम इन्हे खुली आँखो से नहीं देख सकते है। जैसे ई-कोलाई हमारे हाथ से शरीर में चले जाते है और फ़ूड पॉइजनिंग ,उल्टी दस्त,पेट की बीमारियां,गले में संक्रमण , पोलियो और डायरिया ( Diarrhoea ) जैसे गंभीर बीमारी हो जाती है। भारत में हर साल 15 अक्टूबर को नेशनल हैंड वॉशिंग डे ( Hand washing day) मनाया जाता है। इस दिन सभी स्वास्थ्य केंद्रों और स्कूल में बच्चों को हाथ धोने के तरीके और हाथ धोने के फायदे समझाए जाते है।
हाथों में संक्रमण के कारण (Due to hand infection)
एक शोध में पाया गया कि पेट से लेकर त्वचा रोग और कई घातक बीमारियां होने का कारण सार्वजनिक कंप्यूटर,एटीएम मशीन ,सार्वजनिक नल ,सार्वजनिक बाथरूम के नल या शावर ,पार्लर के तौलिये और पैसो के लेन - देन भी हो सकते है। हाथ धोना कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन जीवन में स्वस्थ रहने के लिए छोटी-छोटी बातों को ध्यान रखना जरूरी होता है। घर में छोटे-बड़े सभी लोगों को न केवल हाथ धोने चाहिए बल्कि हाथ धोने के तरीके भी आना चाहिए।बच्चों को शुरू से ही हाथ धोने के तरीके समझाने चाहिए क्योकि बच्चे कई चीजों को पकड़ते है और खेलते है जिससे उनके हाथों में कई सारे बैक्टेरिया और वायरस चिपक जाते है और बीमार करते है। वैसे ही बड़ो को भी बहार से जैसे ऑफिस या कोई काम करके आने के बाद अपने हाथ साबुन से धोने चाहिए। हाथ धोने के लिए पानी नहीं होने पर विकल्प के तोर पर Sanitizers का उपयोग किया जा सकता है। जो मार्केट में आसानी से मिल जाता है। लेकिन खाना खाने के पहले और शौच के बाद साबुन और पानी से ही हाथ धोना चाहिए। हाथ धोने के लिए हल्के गुनगुने पानी ( जिसका tempreture कमरे के tempreture से अधिक हो)का भी उपयोग कर सकते है।
हाथ धोने के 7 तरीके(7 ways to wash hands)
7 तरीके से अपने हाथों में साबुन लगाकर हाथ धोया जाता है जैसे -- 1. हाथो को सबसे पहले पानी से गीलाकर हैंडवाश लिक्विड या साबुन लगते है।
- 2. लिक्विड या साबुन को पुरे हाथ पर आगे-पीछे और अंगुलियों के बिच में घुमाते हुए झाग बनाते है।
- 3. हथेलियों के अगले और पिछले हिस्सों को भी धीरे - धीरे रगड़ते है।
- 4. अंगुलियों और अँगूठे के पिछले हिस्सों को भी धीरे -धीरे रगड़ते है।
- 5. कलाई और नाखूनों के भीतर तक झाग को पहुंचाते है।
- 6. पानी डालकर या नल के निचे तब तक हाथ धोए जब तक न साबुन पूरी तरह निकल न जाए।
- 7. अंत में हाथो को सूखे और साफ तौलिये या पेपर नैपकिन से पोछते है।
स्वच्छता को अपनाना है ,गन्दगी को दूर भगाना है।
स्वच्छ रहेगा हाथ हमारा, तभी रहेगा स्वस्थ जीवन हमारा।
good article write you
ReplyDeleteThanks
Deletehelpful
ReplyDeletethnks bhai
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