Stuttering के प्रति लोगों के मिथक
हकलाना (Stammering ) को लोग इसे प्राकृतिक या जीवन शैली मन लेते है और ईलाज नहीं करवाते है जबकि ऐसा बिलकुल नहीं है कुछ cases को स्पीच थेरेपी के द्वारा ठीक किया जा सकता है। कुछ लोग stammering से ग्रसित लोगो का दिमाग कमजोर मानते है जबकि सामान्य व्यक्ति से उनका दिमाग ज्यादा चलता है। कुछ लोगो का ये भी मानना है की ऐसे लोगो को बादाम खिलाने और कौवे का झूठा पानी पिलाने से हकलाना कम हो जायेगा परन्तु ये सब लोगो का वहम ही है। इसे केवल साइंटिफिक तरीके और व्यव्हार से ही दूर किया जा सकता है।
Stammering के कारण
हकलाने (Stammering) कई कारण हो सकते है जैसे परिवार में किसी सदस्य को हो तो बच्चे भी इसे सिख सकते है। सिर में चोट या genetic कारणों से भी stammering की समस्या हो सकती है। इसके आलावा डर या शॉक के कारण से भी व्यक्ति हकलाने लगता है। लोग इसे हल्के में ले लेते है जबकि इसके कारण व्यक्ति की पढ़ाई ,नौकरी और उसकी निजी जीवन पर भी असर डाल सकती है।
Stammering की समस्या का समाधान
हकलाने की समस्या स्पीच थेरेपी के द्वारा ठीक किया जा सकता है। इसमें व्यक्ति की Tongue Muscles और Jaw Muscles की Exercise , Breathing Control की training दी जाती है। साथ में Articulation यानि की किस शब्द का sound कैसे निकालना और Reading का तरीका समझाया जाता है। छोटे बच्चो को Speech therapy न देते हुए उनके माता - पिता को बोलने की स्टाइल सिखाते है। स्पीच थेरेपी से कितने दिनों में सही बोलने लगे गए ये तो व्यक्ति की उम्र और वह कितना हकलाता है इस पर निर्भर करता है सामान्यतः इस थेरेपी का असर एक महीने में ही दिखाई देने लगता है। इस बिच थेरेपी लेने वाले व्यक्ति को प्रोत्साहित और उसका हौसला बढ़ाते रहना जरूरी होता है। ऐसा कहा गया है की ब्रिटैन के पूर्व प्रधानमंत्री Winston Churchill , हॉलीवुड अभिनेत्री Marlin Munro, Hrithik Roshan और Rani Mukerji से बड़ी हस्ती भी कभी इस समस्या से परेशान रहे है। लेकिन फिर भी इन लोगों ने कभी हर नहीं मानी है।
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