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गर्भाशय की टीबी क्या है ? जाने What is the uterus TB ? Know

Uterus TB image
मतौर पर टीबी फेफड़ों की होती है जिसमें  मरीज के फेफड़ों में इन्फेक्शन ट्यूबरक्लोसिस बैक्टीरिया के कारण हो जाता है जब यह संक्रमण फेलोपियन ट्यूब से uterus की लाइनिंग में फेल जाता है तो इसे गर्भाशय की टीबी ( Uterus Tb ) कहते है इसे पेल्विक, uterus और जननांगों की टीबी भी कहते है। इसमें महिलाओं की Ovary ( अंडा ) गर्भाशय और गर्भाशय की सतह प्रभावित होती है जिससे महिलाओं में बाँझपन की शिकायत हो जाती है।

गर्भाशय टीबी होने के कारण:

गर्भाशय टीबी होने के कई करण हो सकते है जब कोई गर्भवती महिला किसी एक्टिव टीबी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आती है उससे बात करती है या Unsafe relation करते है तो उस सक्रमित व्यक्ति के मुँह से टीबी के बेक्टेरिया गर्भवती महिला के फेफड़ों से होते हुए रिप्रोडक्टिव सिस्टम (Reproductive system) में चले जाते है जिससे गर्भाशय प्रभावित हो जाता है जिसके कारण फेलोपियन ट्यूब का मुँह बंध (block) हो जाता है जिससे महिलाए बाँझ हो जाती है।ऐसी कंडीशन में IVF या Testube baby की तकनीक भी काम नहीं करती है।

गर्भाशय टीबी के लक्षण:

  1. पीरियड में अनियमितता और लगातार पेडू में दर्द बना रहना। 
  2. शादी के एक साल बाद भी प्रेगनेंसी नहीं रुकना। 
  3. वजन का लगातार 7 - 8 kg कम हो जाना। 
  4. बुखार का कम या ज्यादा बना रहना। 
  5. योनि से पानी या ब्लड का निकलना (Veginal discharge)  

गर्भाशय टीबी की जाँच:

  1. शादीशुदा महिलाओं का  पीरियड्स से पहले गर्भाशय से छोटा पार्ट ( tissue ) निकाला जाता है और उसकी बायोप्सी की जाती है। 
  2. कुवारी लड़कियों से पीरियड का ब्लड लिया जाता है और उसकी बायोप्सी की जाती है। 
  3. चेस्ट x -ray और यूरिन टेस्ट किया जाता है। 
  4.  लैप्रोस्कोपी या दूरबीन का टेस्ट किया जाता है यह टेस्ट लास्ट में किया जाता है क्योकि इसके लिए 2 - 3 दिनों का समय लगता है और मरीज को एडमिट करने की जरुरत होती है। 

उपचार: 

गर्भावस्था में महिलाओं को ज्यादा इम्युनिटी की जरुरत होती है महिलाओं को किसी एक्टिव टीबी के मरीज से दूर रहना चाहिए और सुरक्षित सम्बन्ध बनाना चाहिए। अगर महिला को टीबी हो गई हो तो किसी गाइनेकोलॉजिस्ट की मदत से पूरा उपचार लेना चाहिए। भारत सरकार के अस्पतालों में पूरा कोर्स (Daily dots) निशुल्क दिया जाता है 

2 comments:

  1. Is ke liye medicine na le to koi injection form me Dose milta h sir

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    1. Nhi daily dots se hi thik ho jayega agar gainij doctor ki dekh dekh me ilaj lege to

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