लिम्फ नोड ट्यूबरक्लोसिस ( LNTB ) यह एक प्रकार का एक्स्ट्रा पल्मोनरी ट्यूबरक्लोसिस है यह भी माइकोबैक्टेरियम ट्यूबरक्लोसिस बैक्टीरिया के कारण ही होता है ट्यूबरक्लोसिस होने के दो स्टेज होता है प्राइमरी स्टेज में ट्यूबरक्लोसिस lung (फेफड़े) में होती है और दूसरी स्टेज में टीबी के बैक्टीरिया लंग से होते हुए ब्लड के द्वारा शरीर के अन्य अंगो में चले जाते है और जब ये बैक्टीरिया शरीर के किसी particular एरिया में फैलता है तो वहा पर टीबी की गाँठे बन जाती है Lymph node tuberculosis लंग से न होते हुए डायरेक्ट भी हो सकती है।
Symptoms of Lymph node tuberculosis
लिम्फ नोड ट्यूबरक्लोसिस के लक्षण सामान्य होते है इसमें पल्मोनरी टीबी के समान लक्षण (जैसे - दो हफ्ते से खासी आना , हल्का बुखार आना ,भूख न लगना ,रात को पसीना आना , बलगम के साथ खून आना ) हो भी सकते है और नहीं भी लिम्फ नोड ट्यूबरक्लोसिस में मरीज के शरीर के जिस एरिया में टीबी होगी उसी जगह मरीज को परेशानी होगी। 
लिम्फ नोड ट्यूबरक्लोसिस पीड़ित रोगी से अन्य लोगों में संक्रमण न के बराबर होता है। इस टीबी में लक्षण सामान्य होने के कारण मरीज लम्बे समय तक ईलाज नहीं करवाते है उनका भ्रम यह होता है की टीबी की बीमारी में व्यक्ति को खॉंसी आती है,खांसी में खून आता है।
लिम्फ नोड ट्यूबरक्लोसिस पीड़ित रोगी से अन्य लोगों में संक्रमण न के बराबर होता है। इस टीबी में लक्षण सामान्य होने के कारण मरीज लम्बे समय तक ईलाज नहीं करवाते है उनका भ्रम यह होता है की टीबी की बीमारी में व्यक्ति को खॉंसी आती है,खांसी में खून आता है।
एक सामान्य टीबी के लक्षण : → Click here
Diagnosis of Lymph node tuberculosis
लिम्फ नोड ट्यूबरक्लोसिस की जांचे उतनी आसान नहीं होती जितनी लंग टीबी की होती है इस प्रकार की टीबी में सामान्य जाँचे जैसे CBC, Ultrs sound, CT scan और चेस्ट X-ray किया जाता है। लिम्फ नोड ट्यूबरक्लोसिस के सबसे अच्छे डायग्नोसिस के लिए बायोप्सी  ( biopsy ) की जाती है। इस तकनीक में लिम्फ नोड पीड़ित रोगी के शरीर में टीबी की गाँठ से एक छोटा पार्ट ( tissue ) लिया जाता है जिसकी Genexpert ( CBNAAT जाँच ) और Cultur (U DST ) भी किया जा सकता है। इससे ये कन्फर्म हो जाता है की व्यक्ति के शरीर में उपस्थित गांठें टीबी की है।
Treatment of Lymph node tuberculosis
लिम्फ नोड टीबी का ईलाज भी सामान्य टीबी के मरीज के सामान ही किया जाता है जिसमे मरीज को  6 से 8 महीने तक कोर्स लेना पड़ता है जो की भारत के सभी स्वास्थ्य केंद्रों निःशुल्क दी जाती है। टीबी का उपचार कैसे दिया जाता है पूरी जानकारी के लिए यहाँ  Click करें। 
 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
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