अब भारत मे भी जल्द चीन और कुछ विकसित देशों की भांति टीबी रोग की पहचान के लिए रैपिड टेस्ट किट उपलब्ध होंगी  जिससे आम लोग घर बैठे टीबी की जांच कुछ मिनटों में  कर सकेंगे । और अपना ट्रीटमेंट समय पर कर सकेंगे।  ये स्वदेशी रैपिड टेस्ट किट जल्द ही भारतीय बाजारों मे आ जायेगी । यह रेपिड टेस्ट किट प्रेग्नेंसी किट के समान होगी।बताया जाता है कि हिमाचल प्रदेश के IIT मंडी के बेसिक साइंस विभाग ने इस किट को बनाने में सफलता हासिल की। वर्ष 2017 में साइंस एंड इंजीनियरिंग रीसर्च बोर्ड ने यह जिम्मा सोंपा था । जिसे ICMR ( Indian Council of Medical Research )ने अब हरि झंडी दे दी । ICMR ने अभी हाल ही में टीबी रोग की जांच के लिए Truenat तकनीक को मंजूरी दी है । जिसे WHO ने विश्व टीबी उन्मूलन कायक्रम में शामिल किया । भारत मे टीबी के सबसे अधिक प्रकोप वाले 730 जिलों में टीबी के मरीजों के ट्रीटमेंट के लिए राष्ट्रीय स्तर पर NTEP ( National Tuberculosis Elimination Programme ) चलाया जा रहा है ।
भारत में टीबी कार्यक्रम
भारत मे  वर्ष 1992 टीबी के रोगियों के उपचार के लिए ( National Tuberculosis Control Programme )क्षय नियंत्रण कार्यक्रम  शुरू किया गया जिसे वर्ष 1997 में डॉट्स पद्धति से इलाज के लिए इस प्रोग्राम का नाम बदलकर RNTCP ( Revised National Tuberculosis Control Programme ) किया गया और 30 दिसंबर 2019 को पुनः इसका नाम बदलकर NTEP ( National Tuberculosis Elimination Programme ) कर दिया व डैली डॉट्स  ( Daily Dots ) पद्धति लागू की गई ।विश्वभर में भारत समेत  6 देश ऐसे है जहाँ 60 प्रतिशत टीबी के मरीज है।जिनमे भारत मे 27 प्रतिशत टीबी के मरीज है ।
कोरोना से ज्यादा टीबी के मरीजों की मौत
विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) के अनुसार हर तिमाही में 20,000 टीबी के मरीजों की मौत हो जाती है जबकि कोविद-19 से भारत मे पिछले तीन महीनों में लगभग 15,000 लोगो की मौत हुई । भारत मे वर्ष 2019 में 24 लाख टीबी मरीज पाए गए जिनमे 79000 लोगो की मौत हुई। 
 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
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