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कोरोनावायरस के लिए प्लाज्मा थेरेपी Plasma therapy for coronavirus ।

 प्लाज्मा थेरेपी क्या है। (what is plasma therapy)

Plasma therapy for coronavirus
प्लाज्मा थेरेपी कोई  नई थेरेपी नहीं है इसे सबसे पहले जर्मनी के फिजियोलॉजिस्ट Emil Von Behring ने वर्ष 1890 में खोजा था इसका सबसे पहले 1918 में प्रयोग किया गया। कोरोना वायरस के पहले इस थेरेपी  का अन्य बीमारियों जैसे रेबीज डिप्थीरिया और इबोला जैसी बीमारियों पर प्रयोग हो चूका है। ऐसे में कोरोना वायरस के ईलाज में भी ये प्लाज्मा थेरेपी का उपयोग किया जा रहा है। ICMR और DCGI ने इस थेरेपी के लिए एक Guideline तैयार कर अपनी वेबसाइट पर डाली है और राज्यों को इस थेरेपी का ट्रायल करने को कहा है। इनमे सबसे पहले दिल्ली ,पंजाब ,महाराष्ट्र ,तमिलनाडु और केरल में प्रयोग किया गया।

Plasma therapy for COVID-19

भारत में ही नहीं बल्कि पुरीदुनिया में  कोरोना वायरस  की ट्रीटमेंट के लिए कोई Specific दवाई नहीं नहीं बनाई है ऐसे में प्लाज्मा थेरेपी का प्रयोग किया जा रहा है इससे कुछ कोरोना पॉजिटिव मरीज ठीक हुए है इस थेरेपी में कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति अन्य दवाइयों से ठीक हो जाते है तो उनके शरीर में कोरोना से लड़ने में जो एंटीबॉडी बनती है उस एंटीबाडी को निकाल कर किसी दूसरे कोरोना संक्रमित व्यक्ति के शरीर में इंजेक्ट कर दिया जाता है ताकि वह एंटीबाडी कोरोना वायरस से लड़ सके। व्यक्ति के blood में 55 प्रतिशत पिले रंग का तरल पदार्थ जिसे प्लाज्मा  होता है इसके आलावा  RBS , WBC और प्लेटलेट्स होते है। 55 प्रतिशत प्लाज्मा में 91 प्रतिशत पानी होता है और जबकि 9 प्रतिशत शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्त्व जैसे विटामिन ,मिनरल और प्रोटीन होता है। यही 9 प्रतिशत एक कोरोना से ठीक होने वाले व्यक्ति के शरीर से लिया जाता है। प्लाज्मा लेने के लिए ऐसे व्यक्ति का ब्लड सैंपल लिया जाता है जिसमे ज्यादा एंटीबॉडी होती है और कोरोना से ठीक होने के 28 दिनों बाद ही लिया जा सकता है। सैंपल लेने से पहले ब्लड की टेस्टिंग की जाती है और हिस्ट्री ली जाती है की पहले उन्हें कोई बीमारी तो नहीं हुई।

प्लाज्मा थेरेपी को लेकर WHO ने कहा है की जो लोग कोरोना वायरस से ठीक तो हुए है लेकिन उनके शरीर में इस वायरस से लड़ने  के लिए लिए एंटीबॉडी बहुत कम पाई गई है ,और जो लोग ठीक हुए है वे सदा इस वायरस से बचे रहने के बहुत कम सबूत मिले है। ICMR ( Indian Council of Medicale Research )भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद  के सय्युक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा है कि प्लाज्मा थेरेपी covid-19 के लिए कोई उपचार नहीं है इससे मरीज को जान का खतरा भी हो सकता है।
सतर्क रहे ! सुरक्षित रहे ! कोरोना वायरस से सावधान रहे क्योंकि सावधानी ही बचाव हैं 

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