सिलिकोसिस बीमारी गिट्टी खदानों और सीमेंट फेक्टरियों में काम करने वाले लोगों को अधिक होती है। क्योंकि वहां के वातावरण में (सिलिका क्रिस्टल,सिलिकॉन डाई ऑक्साइड ) धूल अधिक मात्रा में होने के कारण सांस के द्वारा उनके फेफड़ों(lungs) में चले जाते है। जिससे फेफड़े प्रभावित हो जाते है और ऐसे लोगों में टीबी होने का खतरा बढ़ जाता है।मध्यप्रदेश के धार,झाबुआ और अलिराजपुर जिलों में इन मरीजों की संख्या अधिक है यहाँ मृत परिवारों को मुवावजा और पीड़ित परिवारों को पुनर्वास का आदेश मध्यप्रदेश सरकार से दिया गया है 102 गावों के 1701 पीड़ितों में 503 मरीजों की मौत हो चुकी है जिनका मामला सुप्रीम कोर्ट और मानवअधिकार आयोग में दायर है।मध्यप्रदेश के आलावा राजिस्थान और भारत कई राज्यों में यह बीमारी है।
silicosis disease
history of silicosis disease
इसे माइनर्स थेसिस और ग्राइंडर्स अस्थमा भी कहा जाता है सिलिकोसिस नाम का सर्वप्रथम प्रयोग अचीले विस्कोंती ने किया थाजो पेशे से वकील थे। उत्तरी थाइलैंड के एक पुरे गांव को विधवाओं का गाँव कहा जाता है क्योकि वहा के पुरुष सिलिकोसिस बीमारी से कम उम्र में ही मर गए थे।सिलिकोसिस पीड़ित मरीज के लक्षण :
सिलिकोसिस एक गंभीर बीमारी है क्योंकि इसके लक्षण 5 से 8 सालों बाद दिखाई देते है। ऐसे मरीजों के फेफड़े कमजोर हो जाते है, जिसके कारण शरीर के अन्य अंगो तक ऑक्सीजन नहीं पहुंचा पाते है इसलिए ऐसे मरीजों को साँस लेने में परेशानी आने लगती है ऐसे मरीजों को थोड़ी दूर चलने पर ही साँस फूलने लगाती है।
कई बार डॉक्टर ऐसे मरीजों को शुरू में ही टीबी का ईलाज शुरू देते है,जबकि मरीज की शुरू में ही सही जाँच (diagnosis) किया जाये ताकि मरीज को उचित इलाज मिल सके। इसके लिए सरकार कई बार कैम्प का आयोजन भी करती है। ताकि ऐसे मरीजों का chest x-ray और अन्य जाँचे की जा सके।
कई बार डॉक्टर ऐसे मरीजों को शुरू में ही टीबी का ईलाज शुरू देते है,जबकि मरीज की शुरू में ही सही जाँच (diagnosis) किया जाये ताकि मरीज को उचित इलाज मिल सके। इसके लिए सरकार कई बार कैम्प का आयोजन भी करती है। ताकि ऐसे मरीजों का chest x-ray और अन्य जाँचे की जा सके।
सिलिकोसिस बीमारी से बचाव कैसे करें:
एक कहावत है prevention is better than cure जो सिलिकोसिस मरीजों के लिए सही है ऐसे खानो और फेक्टरियों में काम करने वाले लोगों की अपनी मजबूरी भी होती है उन्हें परिवार पालने के लिए ऐसे काम करने पड़ते है। ऐसे में सरकार की भी जिम्मेदारी बढ़ जाती है की ऐसे लोगों की सहायता करें। केवल सहायता राशि स्थाय समाधान नहीं है इसके लिए एक ठोस और स्थाय नीति सरकार को बनाना चाहिए। ऐसे मरीजों को सिलिकोसिस का CERTIFICATE मिलते ही उम्र भर पेंशन मिलना चाहिए।ऐसे करे बचाव:
- ऐसे एरिया में काम करने वाले लोगों को मास्क पहनना चाहिए।
- ऐसे एरिया में समय-समय पर पानी का छिड़काव करते रहना चाहिए।
- सरकार द्वारा ऐसे एरिया में शिविर या केम्प का आयोजन करना चाहिए।
- सरकार को ऐसे उद्योग या कम्पनी लगाने वाले मालीक या ठेकेदार को सख्त निर्देश देना चाहिए।
- निर्देश चिन्हो का प्रयोग कर इसके जोखिम के बारे में लोगों को बताना चाहिए।
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