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फ़ाइलेरिया क्या है ? जाने What is filariasis? Know

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फ़ाइलेरिया या फाइलेरियासिस जिसे हिंदी में हाथीपांव ( elephantiasis ),फीलपांव,श्लीपद भी कहा जाता है यह क्यूलेक्स और मनसोनैडिस प्रजाति के मच्छरों के काटने से  होता है। फ़ाइलेरिया एक filariodidea कुल के नेमेटोडों के संक्रमण से फैलता है फ़ाइलेरिया परजीवी के microfiliariae मरीज के खून में सूक्ष्मदर्शी द्वारा देखा जाता है इस  परजीवी केवल मध्यरात्रि में लिए गए रक्त के नमूने में ही देखा जा सकता है फ़ाइलेरिया रोग से संक्रमित व्यक्ति के रक्त में यदि फ़ाइलेरियारोधी IgG का स्तर बढ़ा हुआ हो तो व्यक्ति फ़ाइलेरिया से पीड़ित होता है। फ़ाइलेरिया उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय देशों में ज्यादा ज्यादा होती है भारत समेत कई देशों में यह बीमारी फैली हुई है।
फ़ाइलेरिया परजीवी microfiliariae एक कृमि धागे के समान होता है culex मच्छर जब व्यक्ति की काटता है ये परजीवी उसके शरीर में लसिका ग्रंथिओं में जाकर मादा और नर कृमि में बदल जाते है और यह लसिका नालियों में फेल कर उसे बंध कर देती है जिससे बहुत सारे filariae बनते है जिसका जीवन 2 से 3 साल तक होता है। 

फ़ाइलेरिया के प्रकार 

फ़ाइलेरिया शरीर के जिस भाग में फैलता है उसके आधार पर फ़ाइलेरिया 3 प्रकार के होते है -
  1. Lymphatic filariasis - यह शरीर में लिम्फ नोड बनाते है यह किसी भी पार्ट में हो सकता है। 
  2. Subcutaneous filariasis - यह ज्यादातर त्वचा के निचले भाग में फैलता है और ऊतकों को प्रभावित करते है। 
  3. Serous cavityfivariasis  - यह अधिकतर पेट में सीरियस कैविटी को प्रभावित करते है। 

Symptoms of Filariasis 

फ़ाइलेरिया के लक्षण 2 से 3 सालों में दिखाई देते है - 
  1. मरीज को बुखार आता है। 
  2. इससे गंभीर विकलांगता भी आ सकती है। 
  3. लसिका तंत्र बुरी तरह से प्रभावित हो जाती है। 
  4. गेंगरीन जैसी गंभीर बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। 
  5. शरीर के जिस भाग में ये बीमारी होती है वह अधिक दर्द होता है। 

फ़ाइलेरिया का उपचार

  1. हमेशा मच्छर दानी लगाए। और मच्छर रोधी क्रीम का उपयोग करे। 
  2. फ़ाइलेरिया के क्यूलेक्स मच्छर गांधी पानी में फैलते है इसलिए अपने असपास गन्दगी और पानी इकट्ठा न होने दे। और gambusia affinis  पालकर नहीं मच्छरों की रोकथाम कर सकते है। 
  3. फ़ाइलेरिया जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत माइकोफ़ाइलेरिया , स्लाइड बनाकर और पीसीआर जैसी जांचे करवाना चाहिए।
  4.  फ़ाइलेरिया की नियंत्रित करने के लिए Albendzole , lvermectin और diethylearbamazine citrate जैसी दवा का उपयोग करना चाहिए। 
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भारत में जयादा लिम्फेटिक फ़ाइलेरिया के मरीज है स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने 13 जून 2018 को  दिल्ली में आयोजित 72 देशों  के वैश्विक संघटन  जे. ए. ई. एलफ की 10 बैठक में लिम्फेटिक फ़ाइलेरिया को समाप्त करने के लिए बेहतर  प्रयास करने को कहा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा की 256 जिलों में से 100 जिलों को फ़ाइलेरिया से मुक्त कर लिया है। इस कार्यक्रम में मंत्री ने 11 देशो को JAELF पुरस्कार प्रदान किया .आगे स्वास्थ्य मंत्री ने कहा की सभी विभाग मिलकर इस पर त्वरित काम करें तथा लोगो को इस बीमारी के प्रति जगरूप करें। 

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