सुबह तरोताजा होकर उठना किसी भी व्यक्ति के स्वस्थ जीवन के लिए अति आवश्यक होता है इससे न केवल दिनभर आलस्य बल्कि काम और स्वास्थ्य प् बुरा प्रभाव भी पड़ता है। नींद एक प्राकृतिक और सामान्य प्रक्रिया है जिस प्रकार आपकी भूख और प्यास का चक्र चलता रहता है उसी प्रकार नींद का चक्र भी चलता रहता है।जीवन को स्वस्थ बनाए रखने के लिए व्यक्ति को 7 - 8 घंटे की नींद लेना जरूरी होती है। एक एक सर्वे के अनुसार 75 से 90 वर्ष के लोग सबसे कम सोते है ( 6 घंटे 35 मिनट )। भारत में 71 प्रतिशत लोग मोबाइल को अपने सिरहाने रख कर सोते है जो की बहुत घातक है और 46 प्रतिशत लोग सोने से पहले और जागने के बाद मोबाइल चेक करते है। जापान ( 6 घंटे 47 मिनट )में लोग सबसे कम सोते है तो नीदरलैंड में सबसे ज्यादा सोते है। दूसरे नंबर पर भारत है जहा लोग कम ( 7 घंटे 1 मिनट ) सोते है। भारत की बात करे तो यहाँ नींद लेने के लिए किसी व्यक्ति के पास टाइम नहीं है तो किसी को टाइम मिलने पर भी नींद नहीं आती।जापान के लोग मेहनती होने के कारण काम करते हुए भी बैठे- बैठे सो लेते है और इसी कारण वहा पर नींद के कारण लोगो की मृत्यु भी हो जाती है जिसे Karoshi कहते है।
किसी भी व्यक्ति की नींद को दो हिस्सों में समझ सकते है
- Non REM ( Non Rapid Eye Movement) - इस नींद में व्यक्ति का शरीर शिथिल मांशपेशियां ढीली ,साँस धीमी ,और दिल की धड़कन भी कम हो जाती है।
- Rapid Eye Movement - नींद की इस अवस्था में आंखे तो बंद होती है किन्तु अंदर ही अंदर हिलती रहती है। इसी अवस्था में इंसान सपने भी देखते है। यह नींद की गहरी अवस्था होती है।इसमें इंसान की सांसे तेज और दिल की धड़कन भी तेज हो जाती है।
नींद न आने के कारण
नींद न आने के कई कारण हो सकते है जैसे - किसी काम के कारण तनाव , वजन और साँस लेने में दिक्कत से , सोचते रहने के कारण ,किसी अप्रिय घटना के कारण भी नींद नहीं आती है इसके आलावा भी अनेक कारण हो सकते है। यदि 30 मिनट तक सोने की कोसिस के बाद भी नींद नहीं आती है तो समझ लेना चाहिए की तनाव ने आपकी नींद छीन ली है। Melatonin हार्मोन हमारे शरीर में स्वतः ही उत्पादित होता है ये हमारी नींद को maintain करके रखते है। इसे जैविक घड़ी के रूप में जानते है।रात में बढ़ने और दिन में इसके स्तर में कमी आने के कारण इसे एक नाम और भी दिया गया है -" Dracula of hormones "
जीवन में नींद का प्रभाव
सही नींद न आने के कारण व्यक्ति के शारीरिक जीवन ,लिखने की क्षमता ,याददास्त ,मूड और स्वास्थ्य पर इसका गहरा प्रभाव पड़ता है इसका असर हमारे देश की इकोनॉमी पर भी पड़ता है क्योकि नींद के कारण व्यक्ति सही ढंग से काम और निर्णय नहीं कर पाते है। इसे स्लीप एपनिया भी कहते है अच्छे काम और अच्छे स्वास्थ्य के लिए अच्छी नींद लेना आवश्यक होता है।
अच्छी नींद लेने के उपाय
भारत के कई होटलों में अच्छी नींद के लिए अरोमा थैरेपी और फुट मसाज दी जाती है इसके आलावा Indian society for Research sleep Clinic खोलने के लिए ट्रैनिग देती है अच्छी नींद के लिए ये उपाय करें।- नियमित व्वयाम करें।
- दिन में कभी भी 30 मिनट से ज्यादा न सोए।
- सोने से एक घंटे पहले मोबाइल या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस दूर रखे।
- सोने से पहले हल्की exercise करें।
- Slow और अच्छे संगीत से भी जल्दी नींद आ जाती है।
- उपरोक्त तरीके अपनाने के बाद भी अगर नींद न आये तो डॉक्टर को जरूर बताए।
नींद पुरे बिस्तर में नहीं होती वो पलंग के एक कोने में दाएं या बाएं किसी मख़्सूस तकिए की तोड़ - मोड़ में छुपी होती है जब तकिए और गर्दन में समझौता हो जाता है तो आदमी चैन से सो जाता है।
good post write
ReplyDeleteThanks
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