COPD ( Chronic obstructive pulmonary disease ) ठंड मे अक्सर लोगों को खांसी की शिकायत होती है लेकिन ये खासी अगर दो महीने तक चलती है या हर साल ठंड के मौसम में खासी चलती है तो COPD की समस्या हो सकती है और साथ में टीबी भी हो सकती है। ट्यूबरक्लोसिस की जांच अगर नेगेटिव हो तो क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज होने का खतरा बढ़ जाता है। आमतौर पर फेफड़े ( lung ) हमारे शरीर में शुद्ध ऑक्सीज़न पहुंचाने का काम करते है ठंड के दिनों में शरीर की नसें सिकुड़ने लगती है जिसके कारण शुद्ध ऑक्सीज़न शरीर के अन्य भागो में नहीं पहुंच पाती है खासकर बूढ़े लोगो में ये समस्या देखी जाती है उन्हें साँस लेने में परेशानी होती है। इसी समस्या को सीओपीडी कहते है। साँस और खासी को अक्सर लोग बुढ़ापे की समस्या मन लेते है। और ईलाज नहीं करवाते है। WHO के अनुसार भारत में साल 2018 में copd के कारण 9.5 लाख लोगो ने अपनी जान गंवा दी।
COPD के कारण
सीओपीडी होने के कई कारण हो सकते है जैसे -
- धूम्रपान जैसे बीडी सिगरेट का सेवन करने से।
- साँस से सम्बंधित परेशानी जैसे अस्थमा के कारण।
- केमिकल्स के एक्सपोज़र के कारण।
- वायु प्रदुषण के कारण।
- घर के अस-पास प्रदुषण के कारण।
- अत्यधिक धुआँ के कारण भी सीओपीडी की समस्या हो सकती है।
COPD के लक्षण
अक्सर लोग सीओपीडी की समस्या ( लक्षण ) को नजरअंदाज कर देते है जिसके कारण बीमारी ओर बढ़ जाती है। सीओपीडी के सामान्य लक्षण ये हो सकते है -
- बार-बार दम घुटना।
- बार-बार और अत्यधिक खखार (स्पुटम) आना।
- लम्बे समय तक खासी का बने रहना।
- बार-बार अस्थमा होना।
- साँस लेने में परेशानी होना।
- सीने में दर्द और इंफेक्शन होना आदि।
उचित समय पर इलाज न करवाने के कारण सीओपीडी की समस्या बढ़ जाती है। सही समय पर ईलाज करवाने से सीओपीडी की समस्या को आसानी से सही किया जा सकता है। इस बीमारी के बारे में जागरूपता लाना अनिवार्य है। नियमित व्वयाम करने से भी इस बीमारी से बचा जा सकता है।
सावधानियाँ
सीओपीडी की समस्या से बचने के लिए निम्नलिखित सावधानिया रखे।
- धूम्रपान बिलकुल न करे।
- ज्यादा प्रदुषण वाली जगह पर बिलकुल न रहे।
- हमेशा पौष्टिक आहार खाए।
- वजन को कम करने की कोशिश करे।
- नियमित व्वयाम करे। और कुछ दुरी तक पैदल चले।
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