नेशनल कृमि मुक्ति दिवस ( National deworming day ) नवजात शिशुओं , स्कूली बच्चों को परजीवी कृमि से बचाने के लिए और लोगों में जागरूकता लाने के लिए वर्ष 2015 में पहली बार नेशनल कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा किया गया इस दिन सरकारी स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्रों में 1 से 19 वर्ष तक के बच्चों को कृमिनाशक दवाई ( albendazole tablets ) खिलाई जाती है। स्वास्थ्य कार्यकर्ता जैसे -आशा , आंगनवाड़ी द्वारा बनाई गई बच्चो की सूची में खाने वाले बच्चों के नाम के सामने ✓ का चिन्ह लगाते है। बच्चों को जबरदस्ती और पहले से बीमार या गोली का सेवन कर रहे हो तो ऐसे बच्चों को दवाई नहीं खिलाई जाती है। जो बच्चे राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर गोली खाने से छूट जाते है उन्हें मॉप- अप दिवस पर गोली खिलाई जाती है और उसके नाम के सामने ✓✓ डबल चिन्ह लगाते है।
एल्बेंडाजोल खिलाने का तरीका
कृमि क्या है ?
कृमि एक प्रकार के परजीवी होते है और जीवित रहने के लिए मनुष्य की आँत में रहते है। ये कृमि मानव के लिए आवश्यक पोषक तत्वों को खा जाते है जिससे मनुष्य में खून की कमी , कुपोषण , एनीमिया , मानसिक रोग ,कुष्ठ रोग और वृद्धि में रूकावट आ जाती है। इसका संक्रमण प्रदूषित मिट्टी और पानी से होता है। जब व्यक्ति प्रदूषित पानी या खाना खाता है तो ये परजीवी उसके आंतो में पहुँच जाते है और शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों को खाना शुरू कर देते है जिससे बच्चों में दस्त लग जाते है।बारिश के दिनों में अक्सर बच्चों के पेट में कीड़े ( कृमि ) पड़ जाते है इसका कारण दूषित पानी और खाद्य पदार्थ होता है।
कृमि से बचाव:
- कृमि ( कीड़े ) से बचाव के लिए 1 से 19 वर्ष तक के हर बच्चे को कृमिनाशक दवाई खिलाना चाहिए।
- बच्चों को हमेशा शोचालय में शौच करवाना चाहिए।
- बच्चों के नाख़ून और हाथ-पैरो को साफ स्वच्छ रखे।
- बच्चों को साफ और स्वच्छ पानी पिलाए।
- बच्चों को साफ खाना खिलाए। उन्हें मिट्टी में न खेलने दे।
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