Diabetes ( मधुमेय ) जिसे diabetes mellitus भी कहते है व्यक्ति के खून में जब शुगर( ग्लूकोस ) का लेवल एक निश्चित मात्रा से अधिक बढ़ जाता है, तो ऐसे व्यक्ति में डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है।डायबिटीज जेनेटिक भी हो सकती है माता-पिता को अगर डायबिटीज हो तो उनके बच्चों में भी 50 % डायबिटीज होने की संभावना होती है। डायबिटीज को मनुष्य का Silent killer भी कहते है। क्योंकि इसके लक्षण लम्बे समय बाद दिखाई देते है। भारत में सबसे ज्यादा डायबिटीज के मरीज पाए जाते है इसका प्रमुख कारण लोगों की lifestyle है लोगों को पता ही नहीं होता की उन्हें डायबिटीज है। भारत को Diabetes Capital of the world. कहते है। विश्व मधुमेय दिवस हर साल 14 नवंबर को WHO और IDF (international diabetes Federation) द्वारा बढ़ते मधुमेय और वैश्विक महामारी से जागरूकता लाने के लिए अभियान शरू किया गया। इसी दिन वैज्ञानिक Frederick bantig ने इन्सुलिन की खोज की थी। साल 2018 - 19 की थीम - "THE FAMILY AND DIABETES " है।
इसे hemoglobin A1c test या glycatedhemoglobin test या glycosylated hemoglobin test और glycohemoglobin test भी कहते है। इस टेस्ट से पिछले 2 - 3 महीने का एवरेज ब्लड शुगर चेक किया जा सकता है इस टेस्ट में यह देखा जाता है की कितनी ग्लूकोस हीमोग्लोबिन के साथ जुड़कर glycated himoglobin बनती है Hba1c टेस्ट मे ब्लड सैंपल किसी भी समय लिया जा सकता है।
इस टेस्ट का रिजल्ट प्रतिशत में दिया जाता है जो उपरोक्त चार्ट में देख सकते है Hba1c टेस्ट की सहायता से आप बेहतर हीमोग्लोबिन की जांच कर सकते है। और अपना शुगर लेवल चेक कर सकते है।
डायबिटीज के प्रकार:
लोगों में डायबिटीज दो प्रकार की पाई जाती है जो निम्नलिखित है -
- Type1 - इसमें 20 साल से कम उम्र के बच्चों में डायबिटीज होती है ये क्रोनिक भी हो सकती है इसमें शरीर की pancreas ग्रंथि की beta cells से इन्सुलिन बनना कम या बंद हो जाता है इस प्रकार की डायबिटीज समाज में कम देखने को मिलती है।
- Type2 - इस प्रकार की डायबिटीज 20 साल से अधिक उम्र के लोगों को होती है इसमें बीटा सेल्स से इन्सुलिन का निर्माण शरीर की आवश्यकतानुसार नहीं होता है। जिससे शरीर में बनने वाले शुगर को कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है। और अंत में लोगों को शुगर ( मधुमेय ) हो जाती है सबसे अधिक type2 प्रकार की डायबिटीज लोगों में होती है।
डायबिटीज की जाँच:
डायबिटीज की जांच आजकल सरकारी हॉस्पिटलों में ग्लूकोमीटर की सहायता से निःशुल्क और फ़ास्ट की जाती है डायबिटीज की जांच दो प्रकार से की जाती है
- Fasting ( खाली पेट ) - who के अनुसार खाली पेट शुगर 125mg/dl से अधिक होने पर डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है।
- Post prandial ( खाना खाने के 2 घंटे बाद ) - जब शुगर 145mg/dl से अधिक हो तो डायबिटीज होने की संभावना बढ़ जाती है।
Hba1c Test
इस टेस्ट का रिजल्ट प्रतिशत में दिया जाता है जो उपरोक्त चार्ट में देख सकते है Hba1c टेस्ट की सहायता से आप बेहतर हीमोग्लोबिन की जांच कर सकते है। और अपना शुगर लेवल चेक कर सकते है।
मधुमेय बीमारी नहीं आदत है और यह पूर्णतः ठीक हो सकती है।


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