टीबी एच आई वी बीमारी का उपचार
इसमें मरीज को डेली वजन के अनुसार गोली खाना पड़ती है तथा साथ में
गोली के पन्ने पर अंकित टोलफ्री नंबर पर मिस्स्कॉल करना होती है।
टीबी एच आई वी मरीज सामान्य टीबी मरीज से ज्यादा कमजोर होते है तथा ऐसे मरीजों को ज्यादा ध्यान देने की जरुरत होती है इसलिए भारत सरकार के सभी हॉस्पिटलों में ऐसे मरीजों को निशुल्क कोर्स दिया जाता है और RNTCP के अंतर्गत पदस्त कर्मचारी (sts,stls,dps,lt) इन मरीजों की मॉनिटरिंग करते है। ART से गोली खाने के साथ मरीज को फर्स्ट और लास्ट फ़ॉलोअप भी करवाना पड़ता है। मरीज को ART से गोली खाने से ये फायदा होता है ताकि मरीज ART से मिलने वाली गोली के साथ-साथ टीबी की गोली भी ले सके।
No comments:
Post a Comment