फेफड़ो की टीबी ( pulmonary TB) मरीज के फेफड़ो से
सम्बंधित है इसमें मरीज के फेफड़े ट्यूबरक्लोसिस बैक्टीरया से संक्रमित हो जाते है
तथा मरीज के फेफड़ो में कैविटी नुमा सरचना बन जाती
है जिससे मरीज को सांस लेने में परेशानी होती है। कई बार समय पर उपचार न लेने के कारण फेफड़े इतने संक्रमित हो जाते है की मरीज की मौत तक हो जाती है। सबसे ज्यादा मरीज 27 प्रतिशत भारत में फेफड़ो की टीबी के होते है।
फेफड़ो (pulmonary) की टीबी
जब
किसी टीबी (संक्रमित व्यक्ति ) का मरीज खासता है तो टीबी के
बैक्टेरिया हवा में फैल जाते है जब एक स्वस्थ्य व्यक्ति इन बैक्टेरिया के संपर्क
में आते है तो हवा के माध्यम से उनके फेफड़ो में पहुँच जाते है जिससे उनके फेफड़े mycobacterium tuberculosis (tuberculosis )से संक्रमित हो जाते है
जिससे व्यक्ति को टीबी के लक्षण दिखाई देने लगते है और इसे पल्मोनरी टीबी कहते
है ।
infected lungs:
infected lungs (संक्रमित लंग्स)के मरीज का जब एक्स-रे करवाया जाता है और अगर वह टीबी
के बैक्टेरिया से इन्फेक्टेड है तो मरीज के एक्सरे में केविटीनुमा गड्डे
दिखाई देते जो की ट्यूबरक्लोसिस बैक्टेरिया से इन्फेक्टेड होते है और इन्हे
पल्मोनरी ट्यूबरक्लोसिस कहते है एक्सरे के साथ-साथ स्पुटम की जाँच भी करवाई जाती
है जिनमे ट्यूबरक्लोसिस के बैक्टेरिया पींक कलर कॉलोनी के रूप में दिखाई देते है दिखाई देते है। ऐसे मरीज को टीबी पॉजिटिव कहा जाता है।
Normal lungs:
Normal lungs में कोई केविटीनुमा गड्डे
नहीं दिखाई देते है तथा एक्सरे क्लियर और साफ दिखाई देते है ऐसे मरीजों का स्पुटम
भी negative आता है ऐसे मरीजों को टीबी नेगेटिव कहते है।
TB germs spread through the air cover your mouth while coughing.
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