ऐसे मरीज जो एच आई व्ही
/एड्स धनात्मक होते है,उन
मरीजों में टीबी होने की संभावना अत्याधिक होती है ऐसे मरीजों को विशेष तोर पर
सावधानी रखनी चाहिए। ऐसे मरीजों का उपचार आजकल 99 डॉट्स
पद्धति द्वारा किया जाता है जिसमे मरीजों को डेली वजन के अनुसार 2,3,4, गोली खानी होती है ऐसे मरीजों को टीबी एच आई वी मरीज कहते है।
टीबी एच आई वी मरीज :
ऐसे मरीज को गोली
खाने के बाद तुरंत
गोली
की पन्नी में टोलफ्री नंबर पर मिस्स्कॉल करना होता है जो की 99डॉट्स सॉफ्टवेयर
में दर्ज होता हो। जिसे समय-समय पर sts और dots plus supervioser चैक करते रहते है। TB, एचआईवी posistive लोगों का एक प्रमुख हत्यारा रोग है।
99dots:
TB और HIV मरीजों को टीबी की गोली खिलाने में विशेष सावधानी रखना पड़ती है क्योकि ऐसे मरीजों की इम्युनिटी कम होती रहती है इसलिए मरीज गोली खा रहा या नहीं इसका पता लगाने के लिए 99डॉट्स के माध्यम से मरीज को रोज गोली की पन्नी पर अंकित टोलफ्री नंबर पर मिस्स्कॉल करना होता है इसका कोई चार्ज नहीं लगता है इससे ये पता लगता है की मरीज गोली खा रहा है। अगर मरीज मिसकॉल नहीं करता है तो ये माना जाता है की मरीज गोली नहीं खा रहा है ऐसी इस कंडीशन में sts/stls और डॉट्स प्लस सुपरवाइजर मरीज को गोली खाने और मिसकॉल करने की सलाह देते है।
Treatment:
ऐसे मरीजों का ट्रीटमेंट ART center से शुरू किया जाता है मरीज को एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता की देख रेख में दवाई हर महीने दी जाती है जिसमे मरीज डेली डॉट्स पद्धति जैसे ही खाता है तथा समय समय पर फ़ॉलोअप करवाते है। ये गोलिया डॉट्स सेन्टर में मिलने वाली गोली के सामान होती है ART से मरीज को गोली लेने से ये फायदा होता है की मरीज उनकी ART से मिलने वाली गोली ले सके।
टीबी मरीज़ से दिखाये,अपनापन और बाँधे प्यार का बंधन।

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