टीबी रोग की जाँच भारत सरकार के सभी DMCs,TUs और DTCs पर निःशुल्क की जाती है आजकल प्राइवेट अस्पतालों में भी टीबी की जाँच की जाने लगी है वर्तमान में चार विधियों से टीबी रोग की जाँच (tb diagnosis) की जाती है। जो निम्नलिखित है।
टीबी रोग की जाँच निम्न विधियों द्वारा होता है :
- छाती का एक्स रे किया जाता है। (normal chest x ray)
- मांटू टेस्ट (m t ) 10 वर्ष से कम आयु के बच्चो हेतु। (mantoux test/tb skin test)
- ज़ीन एक्सपर्ट (CBNAAT) एम डी आर की जाँच हेतु।(Cbnaat test/genexpert)
- बलगम की जांच माइक्रोस्कोपिक द्वारा की जाती है। (microscopy)
Microscopic
उपरोक्त विधियों के द्वारा
ट्यूबरक्लोसिस बैक्टेरिया को असानी से पहचाना जा सकता है स्पुटम की जांच DMC पर की जाती है टीबी के मरीजों से अच्छा व्यवहार करना चाहिए। मरीज को अगर टीबी के लक्षण दिखाई दे तो तुरंत उसका चेस्ट का एक्सरे करवाया जाता है और साथ में एक स्पॉट सेम्पल और एक मोर्निंग सेम्पल लिया जाता है। और अगर मरीज ने 6 महीने पहले या एक या दो साल पहले टीबी की गोली ली हो और दोबारा टीबी हो तो तुरंत जिन एक्सपर्ट (CBNAAT)की जांच करवाते है इसके लिए मरीज को फॉल्कन ट्यूब में स्पुटम लिया जाता है।
उपरोक्त तीनो विधियों में डॉक्टर द्वारा पॉसिटिव दिया जाता है तो उस मरीज का तुरंत 7 दिवस के अंदर टीबी का इलाज शुरू कर देते है और अगर MDR पॉजिटिव हो तो उसे DTC (district TB center) में 4-7 दिनों तक एडमिट कर डॉट्स प्लस commitee द्वारा medicin का एक्सपेरिमेंट कर 11 या 24 महीने का कोर्स शुरू कर देते है।
x ray : -
x-ray सरकारी अस्पताल में में निशुल्क किया जाता है अगर 2 हफ्ते से अधिक की खांसी और सीने में दर्द हो तो तुरंत एक्स-रे करवाइए।
mantoux test : -
MT test में मरीज की कलाई में दवाई इंजेक्ट की जाती है यदि दवाई के कारण 2 से 3 दिन में जहा दवाई इंजेक्ट की गई उस जगह पर reaction के कारण घेरा बन जाता है तो mantoux test possitive होता है latent tb का पता लगाने का सबसे अच्छा टेस्ट है। ताकि भविष्य में टीबी से बचा जा सके।
cbnaat : -
(cartridge based nucleic acid amplification test) इन्हे जिन एक्सपर्ट भी कहते है इस cbnaat मशीन से कम से कम ट्यूबरक्लोसिस बैक्टीरिया को आइडेंटिफिकेशन किया जा सकता है। तथा साथ में Rifampicin तथा Isoniazed से रेजिस्टेंट भी बताती है। मरीज अगर पूर्व में टीबी की दवा खाई हो तो उन्हें सबसे पहले cbnaat की ही जाँच करवाना चाहिए क्योकि ऐसे मरीजों को दवा रेसिस्टेंट होने का खतरा बड़ जाता है।
No comments:
Post a Comment